spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
20.4 C
Belagavi
Sunday, September 24, 2023
spot_img
spot_img

सहकारिता मंत्रालय द्वारा ‘सहकार से समृद्धि’ की अवधारणा को साकार करने के लिए किए गए पहल

1. प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (पैक्स) का कंप्यूटरीकरण: 2,516 करोड़ रुपए के परिव्यय से 63,000 कार्यशील पैक्स को एक ERP (एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग) आधारित कॉमन राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर में ऑनबोर्ड करने की प्रक्रिया आरंभ की गई है ।

2. पैक्स के लिए आदर्श उपविधियां: पैक्स को डेयरी, मात्स्यिकी, गोदामों की स्थापना, एलपीजी / पेट्रोल/ हरित ऊर्जा वितरण एजेंसी, बैंकिंग अभिकर्ता, कॉमन सेवा केन्द्र, आदि जैसी 25 से भी अधिक व्यावसायिक कार्यकलाप करने में सक्षम करने के लिए आदर्श उपविधियां तैयार कर संबंधित राज्यों के सहकारी समिति अधिनियमों के अनुसार अपनाए जाने के लिए परिचालित किया गया ।

3. कॉमन सेवा केन्द्र (सीएससी) के रूप में पैक्स: पैक्स की व्यवहार्यता में बेहतरी, ग्रामीण स्तर पर ई-सेवा प्रदान करने व रोज़गार सृजन हेतु पैक्स को कॉमन सेवा केन्द्र के रूप में कार्य करने में सक्षम करने के लिए सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी एसपीभी के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया।

4. राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस: नीति निर्माण और कार्यान्वयन में सभी हितधारकों की मदद के लिए सहकारी समितियों के प्रमाणिक और अद्यतित डाटा भंडार तैयार करने का कार्य आरंभ किया गया।

5. राष्ट्रीय सहकारी नीतिः सक्षम परितंत्र सृजित करके सहकार से समृद्धि की परिकल्पना को साकार करने हेतु नई सहकारी नीति बनाने के लिए देश भर से लिए गए विशेषज्ञों व हितधारकों को शामिल करके एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया गया।

6. बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 का संशोधनः सतानवें संविधान संशोधन के प्रावधानों को समाविष्ट करने तथा बहुराज्य सहकारी समितियों में शासन सशक्तिकरण, पारदर्शिता वृद्धि, जवाबदेही बढ़ाने व निर्वाचन प्रक्रिया में सुधार के लिए केन्द्रीय प्रशासित बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 को संशोधित करने हेतु संसद में विधेयक पुरःस्थापित किया गया ।

7. राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC): एनसीडीसी द्वारा विभिन्न सेक्टरों में सहकारी समितियों के लिए नई योजनाएं जैसे स्व-सहायता समूहों के लिए ‘स्वयंशक्ति सहकार’; दीर्घकालिक कृषि ऋण के लिए ‘दीर्घावधि कृषक सहकार’; डेयरी के लिए डेयरी सहकार और मात्स्यिकी के लिए ‘नील सहकार’ आरंभ की गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 34,221 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता संवितरित की गई ।

8. क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट में सदस्य ऋणदाता संस्थानः गैर-अधिसूचित शहरी सहकारी बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों को क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट (CGTMSE) योजना में बतौर सदस्य ऋणदाता संस्थान (MLIs) के रूप में अधिसूचित किया गया जिससे ऋण देने में सहकारी समितियों की हिस्सेदारी में वृद्धि हो सके ।

9. जेम पोर्टल पर सहकारी समितियां बतौर ‘क्रेता’ के रूप में शामिल: जेम पर सहकारी समितियों को ‘क्रेता’ के रूप में पंजीकृत होने की अनुमति दी गई जिससे वे लगभग 40 लाख विक्रेताओं से माल व सेवा की किफायती और पारदर्शी खरीद कर सकेंगे।

10. सहकारी समितियों के अधिभार में कटौती: 1 करोड़ रुपए से 10 करोड़ रुपए तक की आय वाली सहकारी समितियों के अधिभार को 12% से घटाकर 7% कर दिया गया है।

11. न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) में कटौती: सहकारी समितियों के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर की दर को 18.5% से घटा कर 15% कर दिया गया है।

12. आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत राहत: आयकर अधिनियम की धारा 2695T के तहत सहकारी समितियों द्वारा किए गए प्रत्येक लेनदेन पर कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक स्पष्टीकरण जारी किया गया है।

13. नई सहकारी समितियों के लिए कर की दर को कम करना: केन्द्रीय बजट 2023-24 में 31 मार्च, 2024 तक विनिर्माण कार्य आरंभ करने वाली नई सहकारी समितियों को अधिभार के साथ 30% तक की मौजूदा कर दर की तुलना में 15% की सपाट दर से कर लगाने की घोषणा की गई है।

 

14. पैक्स और प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (PCARDBS) द्वारा नकद जमाराशियों व नकद ऋणों की सीमा में बढोत्तरी: केन्द्रीय बजट 2023-24 में पैक्स तथा प्राथमिक सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों (PCARDBS) द्वारा नकद जमाराशियों व नकद ऋणों की सीमा को 20,000 रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए प्रति सदस्य करने की घोषणा की गई

15. स्रोत पर कर कटौती (TDS) की सीमा में वृद्धि: केन्द्रीय बजट 2023-24 में सहकारी समितियों की स्रोत पर कर कटौती किए बिना उनकी नकद निकासी सीमा को 1 करोड़ रुपए से बढ़ाकर को 3 करोड़ रुपए प्रति वर्ष करने की घोषणा की गई है।

16. चीनी सहकारी मिलों को राहत: सहकारी चीनी मिलों पर किसानों को उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) अथवा राज्य की सलाह मूल्य (SAP) तक गन्ने के उच्चतर मूल्यों के भुगतान करने पर अतिरिक्त आयकर नहीं देना पड़ेगा ।

17. चीनी सहकारी मिलों के पुराने लम्बित मुद्दों का समाधान: केन्द्रीय बजट 2023-24 में घोषणा की गई है कि मूल्यांकन वर्ष 2016-17 से पूर्व सहकारी चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को किए गए भुगतानों को व्यय के रूप में दावा करने की अनुमति होगी जिससे उन्हें लगभग 10,000 करोड़ रुपए की राहत प्राप्त हो सकेगी।

18. नई राष्ट्रीय बहुराज्य सहकारी बीज समिति: बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के तहत राष्ट्रीय स्तर की नई सर्वोच्च बहुराज्य सहकारी बीज समिति की स्थापना की जा रही है जो अंब्रेला संगठन के रूप में एकल ब्रांड नाम के अंतर्गत उन्नत बीजों की खेती, उत्पादन व वितरण करेगा ।

19. नई राष्ट्रीय बहुराज्य सहकारी जैविक समिति: बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के तहत राष्ट्रीय स्तर की नई सर्वोच्च बहुराज्य सहकारी निर्यात समिति की स्थापना एक अंब्रेला संगठन के रूप में किया जा रहा है जो प्रमाणित व प्रामाणिक जैविक उत्पादों के उत्पादन, वितरण व विपणन करेगा ।

 

20. नई राष्ट्रीय बहुराज्य सहकारी निर्यात समिति: बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के तहत राष्ट्रीय स्तर की नई सर्वोच्च बहुराज्य सहकारी निर्यात समिति की स्थापना एक अंब्रेला संगठन के रूप में किया जा रहा है जो सहकारी क्षेत्र से किए जाने वाले निर्यातों को गति प्रदान करेगा।

21. प्रत्येक पंचायत/गांव में बहुउद्देशीय पैक्स डेयरी और मालियकी सहकारी समितियों की स्थापना: सहकारी आंदोलन को सशक्त करने और इसकी पहुंच जमीनी स्तर तक करने के लिए विभिन्न मौजूदा योजनाओं का लाभ लेकर प्रत्येक पंचायत/गांव में 2 लाख नई बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी और मात्स्यिकी सहकारी समितियां स्थापित करने की योजना को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया है।

22. सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना : ‘सरकार के समग्र दृष्टिकोण के तहत भारत सरकार की छह मौजूदा योजनाओं के अभिसरण से पैक्स स्तर पर विकेन्द्रीकृत भंडारण अवसंरचना निर्माण करने की योजना बनायी जा रही है।

23. विश्व का सबसे बड़ा सहकारी विश्वविद्यालय: सहकारी शिक्षण, प्रशिक्षण, परामर्श तथा अनुसंधान एवं विकास के लिए एक नई सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है । इस विशेष विश्वविद्यालय को संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित किया जाएगा।

24. विश्व की सबसे बड़ी सहकारी प्रशिक्षण योजना: विश्व की सबसे बड़ी सहकारी प्रशिक्षण योजना इस लक्ष्य के साथ बनायी जा रही है कि सहकारी समितियों के 29 करोड़ सदस्यों, 80 लाख बोर्ड के सदस्यों और 40 लाख कर्मियों को गांव के स्तर पर शैक्षणिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण मुहैय्या करायी जाए व जागरुकता बढ़ायी जाए।

25. किसान उत्पादक संघ (FPOs) के रूप में पैक्सः मोजूदा पैक्स को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की FPO योजना के तहत FPO खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसके लिए अप्रैल 2023 तक दिशानिर्देश बना लिए जाएंगे ।

*****

Related News

भाजप जेडीएस आघाडीची आज बैठक झाली

दिल्ली : अमित शहा आणि एचडी कुमारस्वामी यांच्यात काल ठरलेली बैठक आज ठरली आहे. लोकसभेचे विशेष अधिवेशन काल उशिरा संपल्याने आज युतीची चर्चा होणार...

शिमोगा : जुन्या भांडणाची पार्श्‍वभूमी दोन गटात झालेल्या भांडणात शिमोगा येथील द्रौपदम्मा सर्कल येथे रात्री उशिरा झालेल्या भांडणात 5 जणांना भोसकले. पवन आणि किरण...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest News

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img